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श्री राम जय राम जय जय राम
-श्री राम मंत्ररघुकुल रीति सदा चली आई। प्राण जाएँ पर वचन न जाई॥
- चौपाई, श्री रामचरितमानसएहि महँ रघुपति नाम उदारा। अति पावन पुरान श्रुति
सारा॥
मंगल भवन अमंगल हारी। उमा सहित जेहि जपत पुरारी॥
अर्थ - इसमें श्री रघुनाथजी का उदार नाम है, जो अत्यन्त पवित्र है, वेद-पुराणों का सार है, कल्याण का भवन है और अमंगलों को हरने वाला है, जिसे पार्वतीजी सहित भगवान शिवजी सदा जपा करते हैं॥
- बालकाण्ड, श्री रामचरितमानस